केंट काउंटी क्लब के चेयरमैन ग्राहम जानसन के चेहरे पर हंसी है और कहते हैं दिस इज रियली ए ग्रेट न्यूज (यह बड़ी अच्छी खबर है)। और यहां बीसीसीआई के लोगों के गाल लाल हो गए हैं।
अभी तक बीसीसीआई की तरफ से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है कि ग्राहम फोर्ड ने कोच का पद क्यों ठुकराया। अब तक तो यह जानकारी सबको हो गई है कि फोर्ड का केंट से करार 2008 तक है तो क्या यह बात बीसीसीआई को नहीं पता थी। या वो पैसे यह सोचती है कि पैसे से सबकुछ संभव है।
क्या बीसीसीआई को भी सर्पदोष उतारने के लिए यज्ञ-हवन करना पड़ेगा? खैर उनके लिए पैसे से बड़ा कुछ नहीं है पैसा आ रहा है कोई फोर्ड आए या जाए पैसा नहीं जाना चाहिए।
फोर्ड ने कुछ तो सबक सिखा ही दिया होगा, देखते हैं बीसीसीआई इससे सीखती है या नहीं।
जून 12, 2007 को 12:18 अपराह्न |
खैर किसी ने तो बीसीसीआई को उसकी औकात दिखाई। 🙂
जून 12, 2007 को 12:43 अपराह्न |
भाई इसमे औकात दिखाने वाली या गाल लाल करने वाली कोई बात नही है।
हम भी नौकरी के लिये साक्षात्कार देते है, अच्छी लगी तो स्वीकार करते है , नही लगी तो नही करते। ये तो पूरा प्रोफेशनल तरिका है।
इसमे मान अपमान वाली क्या बात है। फोर्ड को अच्छी नही लगी, मना कर दिया !